राजस्थान सामान्य ज्ञान की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए “प्राचीन सभ्यताएं एवं पुरातात्विक स्थल” एक ऐसा अध्याय है, जिसे अक्सर हल्के में लिया जाता है, लेकिन वास्तव में यह परीक्षाओं में उच्च महत्व रखता है। राजस्थान की धरती हजारों वर्षों से मानव सभ्यता की गवाह रही है। यहाँ की नदियों के किनारे और पहाड़ों की गोद में कई ऐसे पुरातात्विक स्थल मिले हैं, जिन्होंने हमें यह बताया कि यहाँ के लोग किस प्रकार रहते थे, खेती कैसे करते थे, धातुओं का उपयोग कैसे शुरू हुआ और धार्मिक विश्वास किस दिशा में विकसित हुए। मुख्य सभ्यताएं और स्थल: आहड़ सभ्यता (उदयपुर क्षेत्र) – ताम्र-पाषाण संस्कृति और ताम्र धातु के उपयोग के लिए प्रसिद्ध।
गणेश्वर-जोधपुरा (सीकर-झुंझुनूं क्षेत्र) – ताम्र धातु और औजार निर्माण की विशेषता। बागोर (भीलवाड़ा) – पशुपालन व कृषि आधारित जीवन का साक्ष्य। बालाथल – कंकाल और अनाज के अवशेष, जो जीवनशैली बताते हैं। कालीबंगा (हनुमानगढ़) – हड़प्पाकालीन सभ्यता का हिस्सा। ये स्थल केवल राजस्थान के इतिहास की नींव नहीं रखते, बल्कि हमें यह समझाते हैं कि यहाँ की सांस्कृतिक यात्रा कितनी समृद्ध और पुरानी रही है। परीक्षा दृष्टि से महत्व अक्सर प्रश्न सीधे पूछे जाते हैं, जैसे – कालीबंगा किस सभ्यता से संबंधित है?, गणेश्वर-जोधपुरा किस धातु के लिए प्रसिद्ध है?, आहड़ सभ्यता किस नदी के किनारे विकसित हुई थी? कभी-कभी प्रश्न अप्रत्यक्ष रूप से भी आ सकते हैं, जैसे किसी स्थल की विशेषता, उत्खनन वर्ष या संबंधित पुरातत्वविद का नाम। इसलिए इस अध्याय की मजबूत पकड़ आपको प्रतियोगी परीक्षाओं में अतिरिक्त लाभ दिला सकती है।
अब समय है कि आप इस अध्याय को दोहराएँ और हमारी तैयार की गई Quiz Series से खुद को परखें। ये प्रश्न पिछले वर्षों के PYQs पैटर्न पर आधारित हैं और आपकी तैयारी को और धार देंगे।
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